भारतीय न्याय संहिता, 2023 (BNS) की धारा - 14
(विधि द्वारा आबद्ध या तथ्य की भूल के कारण अपने आप को विधि द्वारा आबद्ध होने का विश्वास करने वाले व्यक्ति द्वारा किया गया कार्य)
कोई बात अपराध नही है, जो किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा की जाए जो उसे करने के लिए विधि द्वारा आबद्ध है या जो तथ्य की भूल के कारण न कि विधि की भूल के कारण सदभावपूर्वक विश्वास करता है कि वह उसे करने के लिए विधि द्वारा आबद्ध है।
उदाहरण - (क) विधि के समादेशो के अनुवरूप में अपने वरिष्ठ अधिकारी के आदेश से एक सैनिक A भीड़ पर गोली चलाता है। A ने कोई अपराध नही किया।
(ख) न्यायालय का अधिकारी, A, B को गिरफ्तार करने के लिये उस न्यायालय द्वारा आदिष्ट किये जाने पर और सम्यक जाँच करने के पश्चात यह विश्वास करके की C ही B है। C को गिरफ्तार कर लेता है A ने कोई अपराध नही किया।
![]() |
(IPC) की धारा 76 को (BNS) की धारा 14 में बदल दिया गया है। |